शिखर धवन Shikhar Dhawan Biography

शिखर धवन​

                 5 दिसंबर 1945 को नई दिल्ली के पंजाबी परिवार में पिता महेंद्र पाल धवन और मां सुनैना के घर दिन में शेखर के लिए क्रिकेट का खेल शुरू से ही जैसे सब कुछ बन गया था और इस खेल को अपने बेटे का प्रोफेशन बनाने में धवन के पिता ने उनका भरपूर साथ दिया अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान टीम के बेहतरीन बल्लेबाज रहे शिखर धवन ने 12 साल की उम्र में दिल्ली के उस पॉइंट को अपने दाखिला ले लिया जहां से आशीष नेहरा आकाश में का और मनोज प्रभाकर जैसे कई उभरते खिलाड़ियों ने अपने हुनर को निखारने का काम किया था यह शिखर धवन एक बाए हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर बहुत ही कम समय में एक जाना-पहचाना नाम बन गए सॉलिड क्रिकेट पर द्वारा आयोजित एक अंडर-15 टूर्नामेंट में जब Quikr धवन ने शतक लगाया तो कुछ तारक सिन्हा की नजर उस लड़के पर पड़ी और वह समझ गए कि से कर आगे चल कर इस खेल में बहुत कुछ कर सकते हैं

                 यहां से शिखर धवन को तारक सिन्हा की गाइडेंस में अपनी बैटिंग पर अधिक ध्यान देने का मौका मिला जिसके चलते धवन ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी को छोड़ दिया और एक अच्छे बल्लेबाज के तौर पर अपनी खामियों को सुधारने में जुट गए है अपनी मेहनत के जरिए शिखर धवन को साल 2003 4 में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिला जहां इस बल्लेबाज ने इस साल का ही नहीं बल्कि अंडर-19 वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कर मैन आफ द सीरीज का अवार्ड अपने नाम किया शिखर धवन ने टूर्नामेंट में 84 के शानदार औसत से 505 रन बनाए जिनमें तीन शतक शामिल थे अगले साल शिखर धवन हर मौके पर एक बढ़िया प्रदर्शन की बदौलत अपने अंतरराष्ट्रीय से पहले ही इंडियन मास्टर्स की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ियों में शामिल हो गए

               2005 में सुनामी रिलीफ फंड के लिए अबू धाबी में हुए टूर्नामेंट में शेखर ने हिस्सा लिया डायन का सामना पाकिस्तान और श्रीलंका के कई अनुभवी खिलाड़ियों से हुआ इंडिया मास्टर्स के अलावा शिखर धवन अपने करियर में एक और ऐसे पल का हिस्सा रहे जो बहुत ही कम लोगों को नसीब हुआ दरअसल शिखर धवन फरवरी 2005 की चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान महेंद्र सिंह धौनी के साथ सलामी बल्लेबाज के तौर पर नजर आए उस समय शिखर धवन की उम्र मात्र 19 साल की थी तो ही धुंध भारतीय टीम के लिए हिना वनडे मैच खेल चुके थे इस टूर्नामेंट के दूसरे मैच में दोनों बल्लेबाजों ने इंडिया सीनियर्स की तरफ से खेलते हुए शतकीय पारी खेली और पहले विकेट के लिए एक बड़ी साझेदारी है कि जिसके चलते इन की टीम आठ विकेट से यह मैच जीतने में सफल रहे कुल टूर्नामेंट और अंडर-19 में शानदार प्रदर्शन करने के बाद धमनियों

             

                नंबर 2004 में दिल्ली की तरफ से खेलते हुए अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की और अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा रन वाले बल्लेबाज बन कर सामने आए जिसके बाद लिस्ट क्रिकेट में भी इनकी बल्लेबाजी कर दो हरी जारी रहा था इन हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसी टीमों के खिलाफ खेलते हुए की झड़ी लगा दी नव तक कई उतार-चढ़ाव के साथ डोमेस्टिक क्रिकेट में अपने से सीनियर खिलाड़ियों से भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे 2007 और रबी सीजन में खेले गए आठ मैचों में धवन ने 570 रन बनाए या प्रदर्शन किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीम में शामिल होने के लिए काफी है लेकिन भवन को भी लंबे इंतजार से गुजरना था धवन इंतजार करते रहे और साथ ही साथ खुद को मिले हर मौके को भुनाने की हरसंभव कोशिश करने लगे कि गुजरते समय के साथ उनके साथ और 

                 उनके बाद आए खिलाड़ियों को भारतीय टीम में जगह मिल गई थी धवन का इंतजार आखिरकार रंग लाया और उन्हें टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में खेलने का मौका मिल गया वीरेंद्र सहवाग गौतम गंभीर और सचिन तेंदुलकर के बीच धौनी के कहने पर धवन को भारतीय टीम की पारी को शुरू करने का मौका मिला लेकिन अपने पहले मैच में शिखर बिना खाता खोले दूसरी गेंद पर आउट हो गए यहां धोनी अपने ने यह कहकर धन की हिम्मत बधाई कि जो खिलाड़ी अपने बेबी में शून्य पर आउट होता है उसका करियर बहुत बड़ा और शानदार रहता है इसके बाद एक बार फिर सलमान को टीम से बाहर कर दिया गया और डोमेस्टिक क्रिकेट को अपनी वापसी का जरिया बनाने में लग गए

                 जून-2011 में भारत के वेस्टइंडीज दौरे पर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के बाहर हो जाने के बाद सचिन ने भी आराम करने के लिए अपना नाम वापस ले लिया तो सेलेक्टर्स ने धवन को टीम में शामिल करने का फैसला लिया इस दौरे में धवन ने अपना t-20 डेब्यू किया लेकिन वनडे सीरीज के पहले मैच में उनके बल्ले से निकली अर्धशतकीय पारी के अलावा इस खिलाड़ी के लिए है दौरा एक बुरे सपने की तरह गुर्जर गया यहां से दोनों के करियर का सबसे बड़ा इंतजार शुरू हुआ जिसके बारे में बात करते हुए उनके कोच तारक सिन्हा ने कहा था कि वीरेंद्र सहवाग गौतम गंभीर और सचिन जैसे बल्लेबाजों के चलते शेखर के लिए टीम में अपनी जगह बना पाना मुश्किल हो रहा था और यह बात धवन को अंदर ही अंदर परेशान करने लगी थी

                एक समय ऐसा भी आया था जब शेखर ने थक-हारकर संन्यास लेने का मन बना लिया था लेकिन फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सिरीज ने इस खिलाफ डूबते करियर के लिए जीवनदान का काम किया इससे पहले दो मैचों में सहवाग के बुरे प्रदर्शन को देखते हुए धन को मुरली विजय के साथ ओपनिंग करने का मौका मिला और धवन ने इस मौके को भुनाते हुए अपने पहले ही टेस्ट मैच में पचासी केदो में ताबड़तोड़ शतक पूरा किया और फिर187 रनों की पारी खेलकर एक नए दौर की शुरुआत का ऐलान कर दिया

                27 साल की उम्र में अपने आइटम सचिन तेंदुलकर से टेस्ट के प्राप्त करने के बाद धवन ने भारतीय क्रिकेट की 44 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर टेस्ट देवी में सबसे तेज शतक का रिकार्ड अपने नाम किया इस मैच के बाद अंदर इसे बाहर आए धन को 2013 आईपीएल सीजन के प्रदर्शन के आधार पर इंग्लैंड में आयोजित चैंपियंस ट्रोफी के लिए चुना गया जिसमें उन्होंने अपने जोड़ीदार रोहित शर्मा के साथ भारतीय टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई और गोल्डन बैट अपने नाम किया इसके बाद

             वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज और आगे जिंबाब्वे की धरती पर कोहली की कप्तानी में भी धमाका धमाका जारी रहा अगस्त-2013 में धवन ने इंडिया ए की तरफ से खेलते हुए साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा खड़ा करते हुए 150 गेंदों में 248 रन बनाए जिसमें तीन चौके और सात शामिल थे 2013 का सान के करियर में मील का पत्थर साबित हुआ लेकिन इसके बाद लगभग डेढ़ साल तक शेयर अपने खराब फॉर्म से जूझते रहे 2013 की लगभग हर शरीर का हिस्सा रहे धवन अगले डेढ़ सालों के लिए टीम के लिए एक प्रश्न चिन्ह बन गए थे लेकिन इन सबके बावजूद ने

           2015 वर्ल्ड कप टीम में शामिल किया गया यादव ने पहले हमेशा जाहिर कर दिया कि वह बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं और वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में उनके जैसा खिलाड़ी कोई नहीं है धवन ने टूर्नामेंट 412 दोनों के साथ किया जिसमें उनका औसत 50 से अधिक था इसके बाद वह लगातार भारतीय क्रिकेट का हिस्सा रहे और बड़े मंचों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाते रहे इनके मूछों को ताव देने और गैस को पकड़ने के बाद शानदार सेलिब्रेशन का सिलसिला बरकरार रहा

                जून 2021 में जब भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारे इंग्लैंड रवाना हुए तो जनता के खिलाफ को समय तक टीम से बाहर चल रहे शिखर धवन को सिवा टीम का कप्तान बनाया गया कप्तान के तौर पर मैदान पर उतरे धवन ने पहले वनडे मैच में अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम पर गेम में अपने 6000 रन पूरे किए धवन अपने करियर में अभी तक 34 टेस्ट 144 वनडे और टी-20 मैच खेल चुके हैं जिनमें उनके रनों का आंकड़ा क्रमश आज 2315 6000 बांधे और 1719 है बात करेंगे

     आईपीएल करियर की तो धवन दिल्ली मुंबई और हैदराबाद की तरफ से खेल चुके हैं और हाल ही में शिखर इस लीग में लगातार दो शतक लगाने वाले पहले और एकमात्र बल्लेबाज भी बन गए हैं धवन वनडे क्रिकेट में भारत की तरफ से 1000 2000 और तीन हजार के आंकड़े को छूने वाले सबसे तेज बल्लेबाज भी हैं साथ यह कैलेंडर में सबसे ज्यादा t-20 रन बनाने का रिकार्ड भी उनके नाम ही दर्ज है जो इन्होंने सा 2018 में 689 रन बनाकर अपने नाम किया था बात करें की निजी जिंदगी के बारे में तो

       धन की शादी 7 2012 में आयशा मुखर्जी से हुई जो धन से 10 साल बड़ी हैं आसान है बेटा है जिसका नाम जोरावर है साथिया ईसा की पहली शादी से हुई दो बेटियों को भी ढूंढ अपने साथ ही रखते हैं शिखर धवन अपने खेल से अलग अपने क्वेश्चंस और स्टाइल से भी लोगों के चहेते हैं और इसी चाहत का नतीजा है कि क्रिकेट की दुनिया में कई नामों से जाना जाता है इनमें सबसे ज्यादा ना जो में शिखर के लिए सुनने को मिलता है 

                 वह ऐड खबर जो इन है अपने मजाकिया स्वभाव के चलते मिला था शिखर धवन बताते हैं कि किसी रणजी ट्राफी मैच के दौरान जब भीम की टीम का मोरल डाउन होने लगता तो वह अपने खिलाड़ियों को चीयर करने के लिए शोले के गब्बर का कोई भी डायलॉग बोल देते हैं यही वजह है कि सबसे पहले वे दरिया और बाद में हर कोई इन्हें इसी नाम से बुलाने लगा अपनी स्टाइल से क्रिकेट प्रशंसकों के बीच ट्रेड सेंटर पर है शिखर धवन अपनी अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय क्रिकेट का एक अहम हिस्सा बने हुए हैं और आने वाले कई सालों तक क्रिकेट उन्हें बाकी है जो लगातार शानदार प्रदर्शन के साथ ही खत्म होने वाली है marathi worlds शिखर धवन को उनके बेहतरीन करियर की बधाई देता

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